Current Affairs in Hindi

25 April 2021 Current Affairs

पीएम केयर्स के माध्यम से देशभर में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे

अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के निर्देश के तहत, पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीएम ने निर्देश दिया है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी।

ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालयों पर चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।

पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के ‘टॉप अप’ के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।

SOURCE-PIB

 

विश्व मलेरिया दिवस

हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। इस वर्ष, विश्व मलेरिया दिवस की थीम निम्नलिखित है :

थीम : Reaching the Zero Malaria Target

विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day)

विश्व मलेरिया दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिह्नित 11 आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है, अन्य दस विश्व एड्स दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व रोगी सुरक्षा दिवस, विश्व रक्तदाता दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस और विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह है।

विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र द्वारा की गई थी। पहले इसे व्यापक रूप से अफ्रीकी मलेरिया दिवस के रूप में जाना जाता था।

मलेरिया

मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है। मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से यह बीमारी इंसानों में फैलती है।

भारत में मलेरिया (Malaria in India)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत वैश्विक मलेरिया के 3% का प्रतिनिधित्व करता है। भारत ने एक बार मलेरिया को लगभग खत्म कर दिया था। हालाँकि, मलेरिया 21वीं सदी की शुरुआत में भारत वापस आया। 2009 में, भारत में 1.5 मिलियन मलेरिया के मामले थे।

मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (National Strategic Plan for Elimination of Malaria)

यह योजना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना को मलेरिया की वैश्विक तकनीकी रणनीति (2016-2030) के आधार पर तैयार किया गया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि, 2020 में, 116 भारतीय जिलों में शून्य मलेरिया के मामले दर्ज किए गए।

मलेरिया उन्मूलन (Malaria Elimination)

यूरोप, अमेरिका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में मलेरिया को समाप्त कर दिया गया है। हालाँकि, यह रोग इन क्षेत्रों में दवा-प्रतिरोधी और कीटनाशक-प्रतिरोधी के रूप में फिर से उभर रहा है।

ब्रेकथ्रू संक्रमण

द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में पहली बार वैक्सीनेशन के बाद होने वाले कोरोना संक्रमण के आंकड़ों का खुलासा किया.

क्या आप पहली और दूसरी डोज के बाद पॉजिटिव हो सकते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों के आंकड़ों के बारे में बताया.

“COVID-19 वैक्सीन लगवाने वाले प्रति 10,000 लोगों में से 2 से 4 लोगों को संक्रमण(breakthrough infection) हुआ. ये एक कम संख्या है, इससे घबराने की कोई बात नहीं है.”

आंकड़ों के मुताबिक, 1.1 करोड़ भारतीयों को कोवैक्सिन वैक्सीन लगाया गया है जबकि 11.6 करोड़ को कोविशील्ड दी गई है. इनमें से 0.04% लोग कोवैक्सिन की पहली डोज के बाद और 0.04% लोग दूसरी डोज के बाद पॉजिटिव पाए गए. कोविशील्ड के मामले में ये आंकड़े और भी कम हैं. पहली डोज के बाद 0.03% और दूसरी डोज के बाद 0.03% लोग संक्रमण से पॉजिटिव पाए गए.

संक्रमण की गंभीरता को लेकर अभी तक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.

इन आंकड़ों का क्या मतलब है?

सरकार ने कहा कि ये संख्याएं वैक्सीन की सुरक्षा का संकेत देती हैं और ज्यादा लोगों से वैक्सीन लेने और आगे संक्रमण में उछाल को रोकने का आग्रह करती है.

डॉ. भार्गव ने बताया कि ये संख्या और भी कम हो सकती हैं क्योंकि इनमें हेल्थकेयर वर्कर भी शामिल हैं जिन्हें शॉट्स मिले लेकिन दूसरों की तुलना में संक्रमण के संपर्क में आने की दर उनमें ज्यादा थी.

“वैक्सीन संक्रमण को नहीं रोकते हैं, वे बीमारी को रोकते हैं. इसका मतलब है कि वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत से बचाते तो हैं लेकिन आप अभी भी संक्रमित हो सकते हैं और वायरस को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए आप वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क पहनें.”

डॉ. शाहिद जमील

उन्होंने बताया था कि “ऐसी स्टडी हैं जो यहां तक कहती हैं कि 1 डोज से आपको गंभीर बीमारी से सीमित सुरक्षा मिल जाती है.”

ये दोनों वैक्सीन की पहली डोज के बाद संक्रमण के निम्न स्तर से साबित होता है.

उन्होंने सुझाव दिया था- 3 बिंदुओं पर स्पष्ट पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेशन होना चाहिए:

वैक्सीन कोई जादू की गोली नहीं है- वे महामारी से लड़ने के लिए मास्किंग, हाथ धोने और दूरी के साथ काम आने वाला एक टूल है.

वैक्सीन सुरक्षित हैं और गंभीर बीमारी और मौत से बचाते हैं.

वैक्सीनेशन के बाद आपको COVID प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और मास्क पहनना होगा.

SOURCE-thequint.

         

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में प्रस्तावित बड़े बदलाव क्या हैं और सरकार नियमों को क्यों बदल रही है?

पेंशन की योजना द्वारा वृद्धावस्‍था के दौरान उस समय वित्तीय सुरक्षा और स्‍थायित्‍व दिया जाता है, जब लोगों के पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं होता है। सेवा निवृत्ति योजना द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि लोगों के पास प्रतिष्‍ठापूर्ण जीवन जीने और अपनी उम्र के बढ़ते वर्षों में अपना जीवन स्‍तर किसी समझौते के बिना अच्‍छा बनाए रखने की सुविधा हो। पेंशन योजना से लोगों को निवेश करने और अपनी बचत संचित करने का अवसर मिलता है जो सेवा निवृत्ति के समय वार्षिक योजना के रूप में एक नियमित आय के तौर पर उन्‍हें एक मुश्‍त राशि दे सके।

संयुक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या प्रभाग के अनुसार भारत में जीवन प्रत्‍याशा वर्तमान 65 वर्ष से बढ़कर 2050 तक 75 वर्ष पहुंच जाने की आशा है। देश में बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता परिस्थितियों से जीवन अवधि बढ़ गई है। इसके परिणाम स्‍वरूप सेवा निवृत्ति के पश्‍चात के वर्षों की संख्‍या भी बढ़ गई है। इस प्रकार जीवन की बढ़ती लागत, स्‍फीति और जीवन प्रत्‍याशा ने सेवा निवृत्ति की योजना को आज के जीवन का अनिवार्य हिस्‍सा बना दिया है। अधिक से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली आरंभ की है।

राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणालीराष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली

भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्‍तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं स्‍थापित किया। राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्‍य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्‍य पेंशन के सुधारों को स्‍थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।

आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्‍यक्तियों (सशस्‍त्र सेना बलों के अलावा) के लिए आरंभ की गई थी। एनपीएस 1 मई 2009 से स्‍वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान की गई है।

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सेवा निवृत्ति के लिए असंगठित क्षेत्र को स्‍वैच्छिक बचत का बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बचट 2010-11 में एक सह अंश दान पेंशन योजना स्‍वावलंबन योजना- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं आरंभ की। स्‍वावलंबन योजना- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के तहत सरकार प्रत्‍येक एनपीएस अंश दाता को 1000 रुपए की राशि प्रदान करेगी जो न्‍यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 12000 रुपए का अंश दान प्रति वर्ष करता है। यह योजना वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2016-17 तक लागू है।

अभिदाता को सेवा निवृत्ति के लिए बचत में सहायता देने हेतु एनपीएस की ओर से निम्‍नलिखित महत्‍वपूर्ण विशेषताएं प्रस्‍तावित की जाती हैं :

अभिदाता को एक विशिष्‍ट स्‍थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्‍या (पीआरएएन) प्रदान की जाएगी। यह विशिष्‍ट खाता संख्‍या अभिदाता के शेष जीवन तक स्‍थायी बनी रहेगी। इस विशिष्‍ट पीआरएएन को भारत में किसी भी स्‍थान पर उपयोग किया जा सकेगा।

पीआरएएन द्वारा दो व्‍यक्तिगत खातों तक पहुंच बनाई जाएगी :

टायर 1 खाता: यह सेवा निवृत्ति की बचत के लिए बनाया गया खाता है जिससे आहरण नहीं किया जा सकता है।

टायर 2 खाता: यह एक स्‍वैच्छिक बचत सुविधा है। अभिदाता अपनी इच्‍छानुसार इस खाते से अपनी बचत आहरित करने के लिए स्‍वतंत्र है। इस खाते पर कोई कर लाभ उपलब्‍ध नहीं हैं।

एनपीएस विनियामक और एनपीएस की इकाइयां एनपीएस में कौन भाग ले सकता है? एनपीएस के लाभ कर लाभ प्रभार

विनियामक और एनपीएस की इकाइयां

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) : पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं एक स्‍वायत्त निकाय है जिसकी स्‍थापना भारत में पेंशन बाजार के विकास और विनियमन हेतु की गई है।

उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) : उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) एनपीएस संरचना के साथ अंत:क्रिया के प्रथम बिंदु हैं। एक पीओपी की अधिकृत शाखाएं उपस्थिति के बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी – एसपी) संग्रह बिंदु के रूप में कार्य करेंगे और एनपीएस अभिदाता को अनेक ग्राहक सेवाएं प्रदान करेंगे। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, निजी वित्तीय संस्‍थानों और डाक विभाग- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं सहित नागरिकों के राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खोलने के लिए उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) के रूप में 58 संस्‍थानों को अधिकृत किया है।

केंद्रीय अभिलेखन एजेंसी (सीआरए) : एनपीएस के सभी अभिदाताओं के अभिलेखों के रखरखाव और ग्राहक सेवा कार्य नेशनल सिक्‍योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा संभाले जाते हैं, जो एनपीएस के लिए केंद्रीय अभिलेख रखरखाव केंद्र के रूप में कार्य करता है।

वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) : वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं एनपीएस से निकलने के बाद अभिदाता को नियमित रूप से मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए जिम्‍मेदार होगा।

राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) न्‍यास- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं

न्‍यास बैंक- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं

पेंशन निधि प्रबंधक

एनपीएस के लाभ

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में कौन भाग ले सकता है?राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में कौन भाग ले सकता है?

केंद्र सरकार के कर्मचारी

एनपीसी केंद्रीय सरकार सेवा (सशस्‍त्र सेनाओं के अलावा) के तथा 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आने वाले केंद्रीय स्‍वायत्त निकायों के सभी नए कर्मचारियों पर लागू है। अन्‍य कोई सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत अनिवार्य रूप से शामिल नहीं है, वह भी उपस्थिति बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी – एसपी) के माध्‍यम से “सभी नागरिक मॉडल” के तहत भी अभिदान कर सकता है।

अभिदान की प्रक्रिया

एनपीएस में अभिदान

आहरण

राज्‍य सरकार के कर्मचारी

एनपीएस राज्य सरकारों के सभी कर्मचारियों पर लागू होता है, जो संबंधित राज्य सरकारों की अधिसूचना की तारीख के बाद द्वारा राज्य स्वायत्त निकायों सेवाओं में शामिल होते हैं। अन्‍य कोई सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत अनिवार्य रूप से शामिल नहीं है, वह भी उपस्थिति बिंदु सेवा प्रदाता (पीओपी – एसपी) के माध्‍यम से “सभी नागरिक मॉडल” के तहत भी अभिदान कर सकता है।

अभिदान की प्रक्रिया

एनपीएस में अभिदान

आहरण

कॉर्पोरेट

कॉर्पोरेट जगत में निवेश का विकल्‍प चुनने की नम्‍यता है और वे अपने सभी अभिदाताओं के लिए अभिदाता स्‍तर पर या नैगम स्‍तर पर केंद्रीय रूप से इसे अपना सकते हैं। कॉर्पोरेट या अभिदाता ‘सभी नागरिक मॉडल’ के तहत उपलब्‍ध पेंशन निधि प्रबंधक (पीएफएम)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं में से किसी एक को चुन सकते हैं और साथ ही विभिन्‍न परिसंपत्ति वर्गों में आबंटित निधियों का प्रतिशत चुन सकते हैं।

कॉर्पोरेट के लिए लाभ

अभिदाताओं के लिए लाभ

अभिदान की प्रक्रिया

एनपीएस में अंशदान

आहरण

व्‍यक्ति

भारत के सभी नागरिक चाहे वे निवासी हों या अनिवासी 18 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक उपस्थिति बिन्‍दु (पीओपी) / उपस्थिति बिन्‍दु – सेवाप्रदाता (पीओपी- एसपी) एनपीएस में आवेदन जमा करने की तिथि से एनपीएस में शामिल हो सकते हैं।

अभिदान की प्रक्रिया

अभिदान

आहरण

स्‍वावलंबन योजना – असंगठित क्षेत्र के कामगार

भारत के नागरिक अपने आवेदन जमा करने की तिथि के समय 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच होने चाहिए, जो असंगठित क्षेत्र के है या जिनके पास केंद्र अथवा राज्‍य सरकार में नियमित रोजगार नहीं है या वे केंद्र या राज्‍य सरकार के एक स्‍वायत्त निकाय / सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में कार्यरत है तो वे एनपीएस – स्‍वावलंबन- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं खाता खोल सकते हैं। एनपीएस – स्‍वावलंबन खाते के अभिदाता सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत नहीं आने चाहिए जैसे कर्मचारी भविष्‍य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, कोयला खान भविष्‍य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948, सीमेंस भविष्‍य निधि 1966 और असम चाय बागान भविष्‍य निधि तथा पेंशन निधि योजना अधिनियम, 1955 और जम्‍मू और कश्‍मीर कर्मचारी भविष्‍य निधि अधिनियम, 1961 ।

स्‍वावलंबन योजना के लिए पंजीकरण की विधि

अंशदान

आहरण

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)

के कुछ लाभ हैं:

यह पारदर्शी है – एनपीएस पारदर्शी और लागत प्रभावी प्रणाली है जिसमें पेंशन के अंशदन का निवेश पेंशन निधि योजनाओं में किया जाता है और कर्मचारी दैनिक आधार पर निवेश का मूल्‍य जान सकते हैं।

यह सरल है – सभी अभिदाताओं को अपने नोडल कार्यालय में खाता खोलना होता है और एक स्‍थाय सेवा‍ निवृत्ति खाता संख्‍या (पीआरएएन) लेना होता है।

यह अंतरण योग्‍य है – प्रत्‍येक कर्मचारी को एक विशिष्‍ट संख्‍या से पहचाना जाता है और उसकी एक पृथक पीआरएएन होती है जो अंतरण योग्‍य है, अर्थात् यह कर्मचारी के किसी अन्‍य कार्यालय में स्‍थानांतरित होने पर भी समान बनी रहती है।

यह विनियमित है – एनपीएस का विनियमन पारदर्शी निवेश मानकों के साथ पीएफआरडीए- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा तथा एनपीएस न्‍यास- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा निधि प्रबंधक की नियमित निगरानी और निष्‍पादन समीक्षा के साथ किया जाता है।

SOURECE-https://www.india.gov.in/

 

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

कई राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कम आपूर्ति के साथ, ऑक्सीजन सांद्रक/कंसंटेटर ऑक्सीजन थेरेपी के लिए सबसे अधिक मांग वाले उपकरणों में से है, विशेष रूप से घरेलू अलगाव में रह रहे रोगियों और ऑक्सीजन की कमी सह रहे अस्पतालों के बीच।

एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक चिकित्सा उपकरण है जो परिवेशी वायु से ऑक्सीजन की सांद्रता को बढ़ाता करता है।

वायुमंडलीय हवा में लगभग 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है, अन्य गैस शेष 1 प्रतिशत होती हैं।

ऑक्सीजन कंसंटेटर इस हवा को लेता है, इसे एक छलनी के माध्यम से छानता है, नाइट्रोजन को वापस हवा में छोड़ता है और शेष ऑक्सीजन पर काम करता है।

यह ऑक्सीजन, जो एक प्रवेशनी के माध्यम से संपीड़ित और वितरित होती है, 90-95 प्रतिशत शुद्ध होती है। कंसंटेटर में एक दबाव वाल्व 1-10 लीटर प्रति मिनट आपूर्ति को विनियमित करने में मदद करता है।

डब्ल्यूएचओ की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंसंट्रेटर को निरंतर संचालन के लिए डिज़ाइन किया जाता है और यह दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन, 5 साल या उससे अधिक समय के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं।

SOURCE-INDIAN EXPRESS

 

कॉव्लून प्रायद्वीप

हांगकांग शहर, चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय के स्थायी बेस की स्थापना के लिए अपने पश्चिमी कॉव्लून प्रायद्वीप पर एक साइट देने के लिए तैयार है।

कॉव्लून प्रायद्वीप एक है प्रायद्वीप इस क्षेत्र के मुख्य भू-भाग का दक्षिणी भाग बनता है हॉगकॉग, साथ – साथ विक्टोरिया बंदरगाह और ओर का सामना करना पड़ रहा है हाँग काँग द्वीप। कॉव्लून प्रायद्वीप और के क्षेत्र न्यू कोवलून सामूहिक रूप से जाना जाता है कोलून.

भौगोलिक रूप से, “कॉव्लून पेनिनसुला” शब्द पर्वत श्रृंखलाओं के दक्षिण के क्षेत्र को भी संदर्भित कर सकता है बीकन हिल, शेर की चट्टान, टेट की केयर्न, कोवन पीक, आदि प्रायद्वीप अठारह में से पांच को कवर करता है हांगकांग के जिले. कोवलून बे प्रायद्वीप के उत्तर पूर्व में स्थित है।

SOURCE-THE HINDU

 

रोडट्रेन

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने रोड-ट्रेन के लिए मसौदा मानक प्रकाशित किए हैं।

माल परिवहन में आमूल-चूल परिवर्तन लाने और कुल लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड कमेटी ने अपने एआईएस-113 मानक में संशोधन कर सड़क-ट्रेनें की सुरक्षा आवश्यकताओं को शामिल किया है और सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर मसौदे को प्रकाशित किया गया है।

संशोधित मानक एआईएस-113 (टेलरों/ सेमी-ट्रेलरों टी2, टी3 और टी4 को श्रेणियों के मोटर वाहन की श्रेणी एन2 और एन3 द्वारा कोड ऑफ प्रैक्टिस किया जा रहा है) को सभी पक्षों से परामर्श के लिए प्रकाशित किया गया है, जिससे बाद में इसे नियत समय में सूचित किया जा सके।

भारतीय परिचालन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यूरोपीय बेंचमार्क की जांच के बाद ये मानक तैयार किए गए हैं।

रोड-ट्रेन एक मोटर वाहन है जिसे पुलर के द्वारा खिंचा जाता है, जो ट्रेलर या अर्ध-ट्रेलरों के सीरियल संयोजन से जुड़ा होता है। ये भीड़ को कम करने, ईंधन बचाने और शोर तथा वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए चुनिंदा हिस्सों पर लागू होगा।

ऑटोमोटिव उद्योग मानक समिति में संबंधित मंत्रालयों, परीक्षण एजेंसियों, उद्योग हितधारकों, बीआईएस आदि के प्रतिनिधि हैं।

SOURCE-PIB

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