जानिये क्यु देश की तेज़ तरार ईमानदार आईएएस अधिकारी रानी नागर को देना पडा इस्तीफा !

हरियाणा में तैनात उत्तर प्रदेश कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर (IAS Rani Nagar) मूलरूप से यूपी की पूर्व सीएम मायावती के पैतृक गांव बादलपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए 4 मई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका इस्तीफा हरियाणा सरकार ने नामंजूर कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली और हरियाणा में तैनात आईएएस अधिकारी रानी नागर (IAS Rani Nagar) अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है, लेकिन वह अपने घर लौट आई हैं. उत्तर प्रदेश (UP) कैडर की 2014 बैच की आईएएस रानी नागर 14 नवंबर 2018 से हरियाणा में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात थीं. फिलहाल 7 मार्च 2020 से वह निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही थीं. उन्होंने पिछले दिनों अपनी जान को खतरा (Life Threat) बताते हुए एक वीडियो भी जारी किया था. इसमें उन्होंने कर्फ्यू हटने के बाद इस्तीफा देने की बात कही थी. आईएएस अधिकारी रानी नागर करीब दो साल से विवादों के कारण बार-बार सुर्खियों में आती रही हैं. बता दें कि संभवत: वह गुर्जर समाज से आने वाली देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं.
मूलरूप से मायावती के गांव बादलपुर की हैं रानी नागर
आईएएस अधिकारी रानी नागर मूलरूप से मायावती के पैतृक गांव गौतमबुद्धनगर में दादरी के बादलपुर की रहने वाली हैं. वह दिसंबर, 2019 से अपनी बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 में यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-311 में किराया चुकाकर रह रही थीं. रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते एक अफसर पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. तब उन्होंने पशुपालन विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके बाद वह एक कैब ड्राइवर पर अभद्रता का आरोप लगाने के कारण सुर्खियों में आ गई थीं. वहीं, सिरसा जिला के डबवाली में एसडीएम पद पर रहते हुए उन्होंने एक ऑटो ड्राइवर से अपनी जान का खतरा बताया था. उन्होंने डीजीपी को इसकी शिकायत भी दी थी. इसके बाद उन्होंने सुरक्षा नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया था.
खाने में लोहे की पिन तक परोसे जाने का लगाया आरोप
आईएएस रानी नागर और उनकी बहन रीमा नागर ने 17 अप्रैल 2020 को जारी वीडियो में कहा था कि अगर उन्हें कुछ हो जाए या वो लापता हो जाएं तो उनके इस वीडियो को बतौर बयान सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस संख्या 3573/2019 में दर्ज कराया जाए. रानी नागर ने कहा था कि वरिष्ठ आईएएस और चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हुआ है. उन्होंने कहा था कि वे यूटी गेस्ट हाउस में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. इसलिए 4 मई को कफ्यू हटते ही इस्तीफा देकर अपने घर गाजियाबाद लौट जाएंगी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चंडीगढ़ के यूटी गेस्ट हाउस में उन्हें खाने में लोहे की पिन तक परोसी गईं. उन्होंने इसकी फोटो भी ट्विटर पर साझा की थी. इसके बाद 4 मई को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और अपनी बहन के साथ वापस अपने घर लौट गईं.
अपने लिए आंदोलन नहीं करने की लोगों से लगाई गुहार
इसके बाद जब काफी लोग रानी नागर के पक्ष में उतर आए तो उन्होंने 7 मई को फेसबुक पर नया पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘सभी से हाथ जोड़कर सादर विनती है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार न किए जाने को लेकर आग्रह और आंदोलन न करें. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. अपने केस में न्यायपालिका में जाती रहूंगी. मेरे पास अभी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन हैं. सभी से विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफा स्वीकार होगा, उतनी ही जल्दी तनख्वाह में से कटा हुआ एनपीएस फंड प्राप्त होगा. इससे मैं अपना रोटी का खर्चा चला पाऊंगी. इस्तीफा स्वीकार न होने से मेरा और अधिक शोषण होगा. आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है. अगर मेरा इस्तीफा रोकने का आग्रह और आंदोलन न करें तो सभी की हम पर बड़ी दया होगी.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती भी पक्ष में उतर आई थीं
रानी नागर के इस्तीफे के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर अफसोस और गुस्सा जताया. मायावती ने ट्वीट किया कि हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को अपनी जान को खतरे के कारण आखिरकार नौकरी से इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौटना पड़ा है. यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण मामला है. इस दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि महिला सुरक्षा और सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता और बाकी लोगों की चुप्पी क्यों? रानी का इस्तीफा नामंजूर होने की जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर साझा की है. उन्होंने लिखा है कि आप सब से खुशी का समाचार साझा कर रहा हूं, हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नामंजूर कर दिया है.
IAS रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर, हरियाणा सरकार ने केंद्र से की कैडर बदलने की सिफारिश
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2014 बैच की हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर का इस्तीफा हरियाणा सरकार ने नामंजूर कर दिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने गुरुवार का ट्वीट कर यह जानकारी दी।
क्या कहा मंत्री ने : केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने गुरुवार शाम ट्वीट कर कहा कि मैं आप सब से एक खुशी का समाचार सांझा कर रहा हूं कि हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नामंजूर कर दिया है। इस्तीफा नामंजर करने के लिए मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसलिए भी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने उदारता दिखाते हुए बिटिया रानी नागर का आईएएस कैडर हरियाणा से उनके गृह राज्य में बदलने की भी सिफारिश केंद्र सरकार से की है।
हमने पहले भी आश्वस्त किया था कि चूंकि हरियाणा सरकार बेटियों के हितों के लिए संवेदनशील है और रानी नागर बिटिया के हितों पर किसी किस्म की आंच नहीं आने दी जाएगी। मेरा आशीर्वाद सदैव बिटिया रानी नागर के साथ है।